हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट अनुसार, कराची / ज्वाइंट एक्शन कमेटी फॉर मिसिंग पर्सनस के नेताओं और लापता के परिवारों ने खोरासान रोड पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की है कि 2 अप्रैल से शुरू हुआ धरना लापता अज़ादारो की बरामदी तक जारी रहेगा। शिया लापती अज़ादारो की बरामदगी के लिए काम करने वाले मिल्लते जाफरिया के प्रतिनिधि संगठनों का एक संयुक्त मंच, ज्वाइंट एक्शन कमेटी फॉर मिसिंग पर्सनस की ओर से धरने में शामिल होने के लिए शहर भर में गाडीया चलाई जाएंगी।
संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अल्लामा अहमद अबल रिज़वी ने दो अप्रैल को लापता अजादारो की बरामदगी न होने के विरोध में धरने की घोषणा करते हुए कहा कि धरना लापता अजादारो की बरामदगी तक जारी रहेगी। कांफ्रेंस मे मजलिस-ए वहदत-ए मुस्लेमीन, शिया उलेमा-ए काउंसेल, हैयते आइम्मा-ए मसाजिद और उलेमा-ए इमामिया, इमामिया स्टूडैंट आर्गेनाइज़ेशन सहित लापता अजादारो के परिवार वाले मौजूद थे।
अल्लामा अहमद इकबाल रिज़वी ने कहा कि लापता व्यक्तियों की बरामदगी के लिए मिसिंग पर्सन्स कमेटी द्वारा सरकार को दिया गया समय 31 मार्च को समाप्त हो गया है। शांतिपूर्ण विरोध हमारा संवैधानिक और कानूनी अधिकार है। हम लगभग दो साल से विभिन्न संस्थानों के साथ संपर्क में हैं। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। हम अब 2 अप्रैल से देशव्यापी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और देश के सभी राजनीतिक और धार्मिक दल हमारे साथ होंगे। लापता लोगों के बरामद होने तक विरोध जारी रहेगा।
सम्मेलन में बोलते हुए अल्लामा नज़ीर अब्बास तक़वी ने कहा कि शिया लापता व्यक्ति इस देश के नागरिक हैं। राज्य देशद्रोही, आतंकवादी तत्वों को गले लगाते हैं लेकिन देशभक्त शिया अज़ादार गायब हैं। शिया मिसिंग पर्सन्स को राहत क्यों नहीं दी जाती है।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए अल्लामा हैदर अब्बास आबिदी ने कहा कि हमारे देश को शिया मिसिंग पर्सन्स के संबंध में दुनिया भर में बदनाम किया जा रहा है लेकिन संस्थान इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। यदि इन लापता अजादारो ने कोई अपराध किया है, तो उन्हें अदालतों के सामने लाया जाना चाहिए और यदि वे निर्दोष हैं, तो उन्हें बरामद किया जाना चाहिए।